देश के नेताओ के अनुसार भारत के करोडो लोग गरीबी की रेखा से बाहर आ गए हैं इसका क्या मतलब है ?
देश के नेताओ के अनुसार भारत के करोडो लोग गरीबी की रेखा से बाहर आ गए हैं इसका क्या मतलब है ? और लोग कैसे बाहर आ गए है ? इसका मापदंड क्या है ?
जब देश के नेता यह कहते हैं कि "भारत के करोड़ों लोग गरीबी की रेखा से बाहर आ गए हैं," इसका मतलब यह है कि अब वे लोग उस आर्थिक स्थिति में नहीं हैं जिसे गरीबी के तौर पर परिभाषित किया जाता है। गरीबी की रेखा से बाहर आना दर्शाता है कि वे लोग अपनी बुनियादी जरूरतें (जैसे भोजन, कपड़े, और आश्रय) पूरी करने में सक्षम हो गए हैं और उनकी आय गरीबी की रेखा से ऊपर हो गई है।
### गरीबी की रेखा का मापदंड:
गरीबी की रेखा का मापदंड आमतौर पर सरकार या अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा तय किया जाता है। इसमें निम्नलिखित चीज़ों पर ध्यान दिया जाता है:
1. **आय (Income):** गरीबी की रेखा को मापने का सबसे सामान्य तरीका है व्यक्ति या परिवार की आय। भारत में यह एक निश्चित रकम होती है, जिसे तय किया जाता है कि जो लोग इससे कम कमाते हैं, उन्हें गरीब माना जाता है।
उदाहरण: 2011 में भारतीय योजना आयोग ने गरीबी की रेखा शहरी इलाकों के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन ₹32 और ग्रामीण इलाकों के लिए ₹26 तय की थी। हालांकि, समय के साथ इसे संशोधित किया गया है।
2. **खपत और व्यय (Consumption and Expenditure):** कई बार गरीबी को इस आधार पर भी मापा जाता है कि व्यक्ति अपने परिवार के लिए कितना भोजन, कपड़े, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करता है।
3. **मानव विकास सूचकांक (Human Development Index - HDI):** गरीबी मापने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और जीवन की गुणवत्ता के अन्य मापदंडों को भी शामिल किया जाता है।
4. **विश्व बैंक का मापदंड:** विश्व बैंक के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की आय $1.90 प्रतिदिन से कम है, तो उसे "अत्यधिक गरीब" माना जाता है।
### लोग गरीबी की रेखा से कैसे बाहर आते हैं:
1. **आर्थिक सुधार (Economic Reforms):** सरकारी नीतियों और सुधारों जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, रोजगार योजनाएं और सब्सिडी की वजह से लोगों की आय में वृद्धि होती है।
2. **सरकारी योजनाएं (Government Schemes):** भारत सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा (MGNREGA), उज्ज्वला योजना आदि, जो लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती हैं।
3. **शहरीकरण और नौकरी के अवसर (Urbanization and Job Opportunities):** शहरीकरण से नौकरियों के अधिक अवसर बनते हैं और लोग गरीबी की रेखा से बाहर आते हैं।
### गरीबी की रेखा से बाहर आने का मतलब:
इसका मतलब यह नहीं है कि वे लोग अब बहुत अमीर हैं, बल्कि यह है कि उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता उस स्तर पर पहुँच गई है जहां वे अब गरीब नहीं माने जाते। उनके पास बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के साधन उपलब्ध हो गए हैं।
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